Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -04-Jun-2022 पोती का जन्म

रचीयता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-पोती का जन्म

हुआ है आज पोती का जन्म।
दादा-दादी हुए मगन।।

पोती आई, रौनक छाई।
सबके चेहरे पर खुशियां छाई।।

थाली बजी ताली बजी।
बजे नगाड़े  ढोल ताशे।।

हर्षोल्लास से मन सजे।
बधाई के गीत गाए।।

हमारे घर पोती पधारी,
कह रहे दादा दादी।
खूब बांटो मिठाई।।

पोती होती घर की रौनक।
जब होती पराई आंख हो जाती ओझल।।

पोती हमारे घर की लक्ष्मी।
आज हमारे घर में पधारी।।

पोती बने दो कुल की जिम्मेदारी।
आज बनी हमारी हिस्सेदारी।।

पोती होती आंख का तारा।
दादा दादी की होती अभिलाषा।।

पोती होती आंखों का नूर।
सरगम की कहलाती है सुर।।

हमारे दिलों की होती शहजादी।
पोती होती सबसे प्यारी।।

पोता हो या पोती।
दोनों होते हैं मोती।।

दोनों है घर की छांव।
बनकर रहेंगे दोनों ढाल।।

दोनों से सजा घर का कोना।
पोता या पोती, है आंगन का पौधा

करो तुम पोती का स्वागत।
करो तुम आज उनका आगमन।।



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11 Comments

Niraj Pandey

07-Jun-2022 12:17 AM

बहुत ही बेहतरीन👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

06-Jun-2022 11:57 AM

बेहतरीन रचना

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Saba Rahman

05-Jun-2022 11:17 PM

Nyc

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